सर एक कप दूध मिलेगा क्या ??
6 माह के बच्चे की माँ ने 3 स्टार
होटल मैनेजर से पूछा.....!!
.
.
मैनेजर "हाँ, 100 रू.मेँ मिलेगा".......!!

"ठीक ...है दे दो" महिला ने कहा.....

जो पिकनिक के दौरान इस होटल मेँ
ठहरी, सुबह जब गाड़ी मे जा रहे थे
तो बच्चे को फिर भूख लगी,

गाडी को टूटी झोपड़ी वाली पुरानी सी चाय
की दुकान पर रोका…… बच्चे को दूध
पिला कर शांत किया.........!

दूध के पैसे पूछने पर बूढा दुकान मालिक
बोला - "बेटी हम बच्चे के दूध
के पैसे नहीं लेते, यदि रास्ते के लिए
चाहिए तो लेती जाओ!
.
"बच्चे की माँ के दिमाग मे एक सवाल
बार बार घूम रहा था कि अमीर
कौन ??

3 स्टार होटल वाला,
या
टूटी झोपड़ी वाला ??

मिली थी जिन्दगी
किसी के 'काम' आने के लिए..
पर वक्त बित रहा है
कागज के टुकड़े कमाने के लिए..
क्या करोगे इतना पैसा कमा कर..?

ना कफन मे 'जेब' है ना कब्र मे 'अलमारी..

इसे शांत चित्त से पढिए।

हर लडकी के लिए प्रेरक कहानी...
और लड़कों के लिए अनुकरणीय शिक्षा...,

कोई भी लडकी की सुदंरता उसके चेहरे से ज्यादा दिल की होती है।
...
...
अशोक भाई ने घर मेँ पैर रखा....‘अरी सुनतीे हो !'

आवाज सुनते ही अशोक भाई की पत्नी हाथ मेँ पानी का गिलास लेकर बाहर आयी और बोली

"अपनी beti का रिश्ता आया है,

अच्छा भला इज्जतदार सुखी परिवार है,
लडके का नाम युवराज है ।
बैँक मे काम करता है।
बस beti  हाँ कह दे तो सगाई कर देते है."

Beti उनकी एकमात्र लडकी थी..

घर मेँ हमेशा आनंद का वातावरण रहता था ।

कभी कभार अशोक भाई सिगरेट व पान मसाले के कारण उनकी पत्नी और beti के साथ कहा सुनी हो जाती लेकिन
अशोक भाई मजाक मेँ निकाल देते ।

Beti खूब समझदार और संस्कारी थी ।

S.S.C पास करके टयुशन, सिलाई काम करके पिता की मदद करने की कोशिश करती ।

अब तो beti ग्रज्येएट हो गई थी और नोकरी भी करती थी
लेकिन अशोक भाई उसकी पगार मेँ से एक रुपया भी नही लेते थे...

और रोज कहते ‘बेटी यह पगार तेरे पास रख तेरे भविष्य मेँ तेरे काम आयेगी ।'

दोनो घरो की सहमति से beti  और
युवराज की सगाई कर दी गई और शादी का मुहूर्त भी निकलवा दिया.

अब शादी के 15 दिन और बाकी थे.

अशोक भाई ने beti को पास मेँ बिठाया और कहा-

" बेटा तेरे ससुर से मेरी बात हुई...उन्होने कहा दहेज मेँ कुछ नही लेँगे, ना रुपये, ना गहने और ना ही कोई चीज ।

तो बेटा तेरे शादी के लिए मेँने कुछ रुपये जमा किए है।

यह दो लाख रुपये मैँ तुझे देता हूँ।.. तेरे भविष्य मेँ काम आयेगे, तू तेरे खाते मे जमा करवा देना.'

"OK PAPA" - beti ने छोटा सा जवाब देकर अपने रुम मेँ चली गई.

समय को जाते कहाँ देर लगती है ?

शुभ दिन बारात आंगन में आयी,

पंडितजी ने चंवरी मेँ विवाह विधि शुरु की।
फेरे फिरने का समय आया....

कोयल जैसे कुहुकी हो ऐसे beti दो शब्दो मेँ बोली

"रुको पडिण्त जी ।
मुझे आप सब की उपस्तिथि मेँ मेरे पापा के साथ बात करनी है,"

“पापा आप ने मुझे लाड प्यार से बडा किया, पढाया, लिखाया खूब प्रेम दिया इसका कर्ज तो चुका सकती नही...

लेकिन युवराज और मेरे ससुर जी की सहमति से आपने दिया दो लाख रुपये का चेक मैँ वापस देती हूँ।

इन रुपयों से मेरी शादी के लिए लिये हुए उधार वापस दे देना
और दूसरा चेक तीन लाख जो मेने अपनी पगार मेँ से बचत की है...

जब आप रिटायर होगेँ तब आपके काम आयेगेँ,
मैँ नही चाहती कि आप को बुढापे मेँ आपको किसी के आगे हाथ फैलाना पडे !

अगर मैँ आपका लडका होता तब भी इतना तो करता ना ? !!! "

वहाँ पर सभी की नजर beti  पर थी...

“पापा अब मैं आपसे जो दहेज मेँ मांगू वो दोगे ?"

अशोक भाई भारी आवाज मेँ -"हां बेटा", इतना ही बोल सके ।

"तो पापा मुझे वचन दो"
आज के बाद सिगरेट के हाथ नही लगाओगे....

तबांकु, पान-मसाले का व्यसन आज से छोड दोगे।

सब की मोजुदगी मेँ दहेज मेँ बस इतना ही मांगती हूँ ।."

लडकी का बाप मना कैसे करता ?

शादी मे लडकी की विदाई समय कन्या पक्ष को रोते देखा होगा लेकिन

आज तो बारातियो कि आँखो मेँ आँसुओ कि धारा निकल चुकी थी।

मैँ दूर se us beti को लक्ष्मी रुप मे देख रहा था....

रुपये का लिफाफा मैं अपनी जेब से नही निकाल पा रहा था....

साक्षात लक्ष्मी को मैं कैसे लक्ष्मी दूं ??

लेकिन एक सवाल मेरे मन मेँ जरुर उठा,

“भ्रूण हत्या करने वाले लोगो को is जैसी लक्ष्मी मिलेगी क्या" ???

कृपया रोईए नही, आंसू पोछिए और प्रेरणा लीजिये।

एक बार एक टिचर ने क्लास के बच्चो से
कहाँ कि:->
जो मुझे जन्नत से एक मुट्टी मिट्टी लाकर देगा
मै
उसे इनाम
दुँगी
दुसरे दिन टीचर ने क्लास
मै आते ही बच्चो से
पुछा:->
बच्चो क्या कोई लाया है
जन्नत से मिट्टी
सबके सब बच्चे चुप फिर
एक बच्चा उठा टीचर के
पास गया
और अपनी मुट्टी खोली जिसमे मिट्टी थी
टीचर बोली पागल बच्चे तु मुझे
ही बेवकुफ बना रहा है कहाँ से लाया है ये मिट्टी
बच्चा बोला :->
अपनी माँ के कदमो के निचे से आपने ही कहाँ था कि
माँ के कदमो मे जन्नत होती है
ये सुनकर टीचर कि आँखो मे आँसु आ गऐ....!!

खुदा तुने गुल को गुलशन मै जगह दी
पानी को दरीया मै जगह
दी
तु उसे जन्नत मै जगह देना
जिसने मुझे "..9.." महिने पेट मै जगह दी....!!
........माँ.........        

मै यादों का किस्सा खोलूँ तो,
कुछ दोस्त बहुत याद आते हैं.

मै गुजरे पल को सोचूँ  तो,
कुछ दोस्त बहुत याद आते हैं.
 
अब जाने कौन सी नगरी में,
आबाद हैं जाकर मुद्दत से.
मै देर रात तक जागूँ तो ,
कुछ दोस्त बहुत याद आते हैं.
  
कुछ बातें थीं फूलों जैसी,
कुछ लहजे खुशबू जैसे थे,
मै शहर-ए-चमन में टहलूँ तो,
कुछ दोस्त बहुत याद आते हैं.
 
वो पल भर की नाराजगियाँ,
और मान भी जाना पलभर में,
अब खुद से भी रूठूँ तो,
कुछ दोस्त बहुत याद आते हैं...!!!

कड़क attitude..
मेरे Girlfriend ने मैसेज किया : "मेरी Photo वापस दे
दे ,

मुझे नया बॉयफ्रेंड मिल गया है "...

में ने भी 30 Photos भेज के लिखा : "इनमे से ढूंढ
लेना ..मुझे तो तेरी शकल भी याद नहीं "

जो अमृत पीते हैं उन्हें देव कहते हैं,
और जो विष पीते हैं उन्हें देवों के देव
"महादेव" कहते हैं ... !!!

 ॐ नमः शिवाय 

     ,-"""-,
    |  ==  |
    |   @  |
('''"""""""""")===,
  '>------<'''''''
भोलेनाथ आपकी सारी मनोकामनाएं पूर्ण करे.....
ॐ नमः शिवाय

Happy Mahashivrati

अकबर बीरबल सभा मे बैठ कर आपस मे बात कर रहे थे !

अकबर : मुझे इस राज्य से 5 मूर्ख ढूंढ कर दिखाओ.!!

बीरबल ने खोज शुरू की.
.
.
.
.
.एक महीने बाद वापस आये सिर्फ 2 लोगों के साथ।

अकबर ने कहा मैने 5 मूर्ख लाने के लिये कहा था !!

बीरबल ने कहा हुजुर लाया हूँ। पेश करने का मौका दिया जाय..

आदेश मिल गया।

बीरबल ने कहा- हुजुर यह पहला मूर्ख है। मैने इसे बैलगाडी पर बैठ कर भी बैग सर पर ढोते हुए देखा और पूछने पर जवाब मिला के कहीं बैल के उपर ज्यादा लोड
ना हो जाए इस्लिये बैग सिर पर ढो रहा हुँ!!
इस हिसाब से यह पहला मूर्ख है!!

दूसरा मूर्ख यह आदमी है जो आप के सामने खडा है. मैने देखा इसके घर के ऊपर छत पर घास निकली थी. अपनी भैंस को छत पर ले जाकर घास खिला रहा था. मैने देखा और पूछा तो जवाब मिला के घास छत पर जम जाती है तो भैंस को ऊपर ले जाकर घास खिला देता हूँ. हुजुर
जो आदमी अपने घर की छत पर जमी घास को काटकर फेक नहीं सकता और भैंस को उस छत पर ले जाकर घास खिलाय तो उससे बडा मूर्ख और कौन हो सकता है!!!

तीसरा मूर्ख: बीरबल ने आगे कहा. जहाँपनाह अपने राज्य मे इतना काम है. पूरी नीति मुझे सम्हालना है. फिर भी मै मूर्खों को ढूढने मेने एक महीना बर्बाद किया इसलिये तीसरा मूर्ख मै
ही हूँ.

चौथा मूर्ख.. जहाँपनाह. पूरे राज्य की जिम्मेदारी आप के ऊपर है.
दिमाग वालों से सारा काम होने वाला है. मूर्खों से कुछ होने वाला नहीं है. फिर भी आप मूर्खों को ढूढ रहे हैं. इस लिये चौथा मूर्ख जहाँपनाह आप हुए।

पांचवा मूर्ख...जहाँ पनाह मै बताना चाहता हूँ कि आफिस मे बहुत काम है. दुनिया भर के काम धाम को छोड़कर. घर परिवार को छोड़कर. बीवी बच्चों पर ध्यान ना देकर व्हाट्सएप्प पर लगा है और पाँचवें मूर्ख को जानने के लिए अब भी पोस्ट पढ़ रहा है वही पाँचवा मूर्ख है।

भाई को भाई से जुदा कर देती है
"GF"

माँ को जुदा कर देती है बेटे से
"GF"

बीवी और पति के बीच में झगडा पैदा कर देती है
"GF"

इंसान को दुनिया से जुदा कर देती है
"GF"

छोटी सी बात पे झगडा पैदा कर देती है

"GF"

"GF"
मतलब
"Galat Fahmi"
जो आपको हुई है
अभी अभी

बेचारी girlfriend तो मासूम होती है

(1)
Mohabbat mujhe thi usi se..Sanam.
Yadaon me uski yeh Dil tadpta raha ..
Maut bhi meri Chahat ko rok na saki..
Kabr me bhi yeh Dil Dhadkta raha.

(2)
Tumhari is ada ka kya jawab du,
apne dost ko kya uphar du,
koi achcha sa phool hota to mali se
mangvata,
jo khud gulab hai usko kya gulab du…

(3)
Aapki Muskurahat ne hame behosh kar
diya,
Aapki Muskurahat ne hame behosh kar
diya,
Hum Hosh me aane hi waale the,
ki Aapne fir se muskura diya.

(4)
Bina dard ke ansu bahaye nahi jate,
Bina pyar ke rishte nibhaye nahi jate,
E dost 1 baat yaad rakhna bina DIL diye
DIL paye bhi nahi jate.

(5)
Mast Nazron se dekh lenaa tha
Agar tamanna thi aazmane ki,
Hum to behosh youn hi ho jaate
Kya zaroorat thi muskurane ki.

(6)
Badi Muddat se chaha hai tujhe,
bade Duaon se paya hai tujhe,
tujhe bhulane ki socho bhi to kaise,
Kismat ki Lakiron se churaya hai tujhe!

(7)
ek nazar teri kaher dhati hai,
ek teri chal lehrati hai,
dua dete hain hum jab tu aati jati hai,
girten hain log aur tu hasti jati hai…

(8)
Zindagi ek phool hai aur mohabbat us ka
shehed
Pyar Ek Dariya Hai, Aur Mehboob uski
sarhad.

(9)
Dil Ko Manana Gar Hota Aasaan,
Na Karta Kisi Ko Yun Ye Pareshaan,
Tanha Na Rahta Bhari Mehfil Me,
Na Hoti Woh Halat Jo Ho Na Sake Bayaan.

(10)
Tapish Suraj Ki Hoti Hai, Jalna Zameen Ko
Parta Hai Qusur Aankhon Ka Hota Hai,
Tarapna Dil Ko Parta Hai.

(11)
Koi aankhon aankhon se baat kar leta hai,
Koi aankhon aankhon mein mulakat kar
leta hai,
Mushkil hota hai jawab dena,
Jab koi khamosh rehkar bhi sawal kar leta
hai

(12)
Kismet se apni sabko shikayat kyu hai,
Jo nahi mil sakta usi se mohabbat kyu hai,
Kitne khade hai raho pe,
Phir bhi dil ko usi ki chahat kyu hai.

(13)
Chand ki raton mein sara jahan sota hai,
Lekin kisi ki yadoon mein koi badnaseeb
rota hai,
Khuda kisi ko mohabbat pe fida na kare,
Agar kare to kisi ko juda na kare

(14)
Khudaa jab husn deta hai nazaakat aaa hi
jati hai,
Kadam chun chun kar rakhti ho…..
Phir bhi kamar balkha hi jaati hai…..

(15)
Yun durr rehkar duriyon ko badaya nahi
karte,
Apne deewano ko sataya nahi karte,
Har waqt bas jise tumhara khyal ho,
Usey apni awaaz ke liye tadpaya nahi karte

(16)
Jamane se nahi to tanhai se darta hu,
Pyar se nahi to ruswai se darta hu,
Milne ki umang bahot hoti hai dil me,
Lekin milne ke baad teri judai se darta hu

(17)
Ham tere dil mein rahenge ek yaad bankar,
Tere lab pa khilenge muskaan bankar,
Kabhi hamein apne se juda na samajhna,
Hum tere saath challenge aasmaan bankar

(18)
Kuch nasha to aapki baat ka hai
Kuch nasha to dheemi barsaat ka hai
Hame aap yuhi sharabi na kahiye,
Yeh dil par asar to aapse mulaqat ka hai

(19)
Dil se tumhe kaise mita de,
Hum tumhe kaise bhoola de.
Ji to chahata hai duniya chor de,
Ya phir judai dene wale in duniya walo ko
phod de.

(20)
Yeh mat pucho tum bin hum kya kya khote
rahe,
Tumhari yaadon mein hum roz kitne rote
rahe,
Na din gujre hai na raatein,
Bas kuch bechain se hum hote rahe!

(21)
Tumhari lovely aankho ne,
Hame aise attract kiya,
Ke sabko neglect karke,
Tumhe hi select kiya.

(22)
Na khuda dil banata na kisise pyar hota,
Na kisiki yaad ati na kisika intazar hota.
Dil diya hai ise sambhal ke rakhna,
Shishe se bana hai pathar se dur rakhna!

(23)
Agar hum na hote to ghazal kaun kehta,
Aap ke chehre ko kamal ko kehta,
Yeh to karishma hai mohabbat ka,
Varna pathro ko tajmahal kaun kehta

(24)
Chaho to dil se hamko mitta dena
Chaho to humko bhula dena
Par Yeh wada karo ki aaye jo kabhi yaad
hamari
To rona nahi Bus muskura dena…

(25)
Tarasti nazaron ki pyas ho tum,
Tadapte dil ki aas ho tum,
Bujti zindagi ki sas ho tum,
Phir kaise na kahu?.. kuch khas ho tum.

(26)
Aankhon Me Armaan Diya Karte Hai,
Hum Sabki Neend Chura Liya Karte Hai,
Ab Se Jab Jab Aapki Palkay Jhapkeygi…..
samaj Lena Tab Tab Hum Aapko Yaad kiya
karte Hai…..!

(27)
Sabne kaha ishq dard hai,
Humne kaha ye dard Kabul hai,
Sabne kaha is dard ke saath ji nahi paoge,
Humne kaha is dard ke saath marna Kabul
hai

(28)
Kaash tum mujhe ek khat likh dete,
mujhme kya kya thi kami yeh to bata dete,
tadapte dil se mere tumne nafrat kyu ki,
nafrat ki hi mujhe koi vajah to bata dete.

(29)
Raat hogi to chand duhai dega,
Khawabon mein aapko woh chehra dikhai
dega,
Ye mohabbat hai zara sochke karna,
Ek aansoo bhi gira to sunai dega.

(30)
Ishq wale ankho ki baat samajh lete hai,
Sapno me mil jaye to mulakat samajh lete
hai,
rota to aasma bhi hai Pyaar k liye,
par log use barsat samajh lete hai.

(31)
Chehre pe haseen chaa jati hai
Aankhon main suroor aaa jata hai
Jab tum mujhe apna kahte ho
Apne pe ghuroor aa jata hai

(32)
Khoob aati hai jab
Yaad teri bahot sataati hai,
Dhoop main,chaanw main, ghataao.n
mai.n,
Teri soorat ubhar K aati hai

(33)
Taare aasman me hi chamkte hai,
Badal itne dur hai, phir bhi baraste hai,
Hum bhi kitne ajib hai,Tum Dil me rehte
ho,
aur hum tumse milne ko taraste hai

(34)
Aasman se uncha koi nahi,
Sagar se gahra koi nahi,
Yun to mujhko sabhi Pyare hai,
par aapse Pyara koi nahi

(35)
Aaj us khuda ki shararat samajh me aai,
is dharti par aapki maujudgi samajh aai,
Aapko is dharti par bhejna us khuda ka
bahana tha,
Kyo ki hamare lie aapko aana hi tha.

(36)
Kismat me jiski aap, use jindgi se kya
chaahiye,
Dhadkan me jinki aap, use dunia se kya
chaahiye,
Hum to jite hai aap k liye, warna in
saanson se kya chaahiye.

(37)
Kash Dil ki awaz me itna asar ho jay,
Hum apko yaad karen aur apko khabar ho
jay,
Aaj kuda se itni hi dua hai, aap jo bhi
chaho vo haqiqat ho jay.

(38)
Kushbu tere Pyar ki mujhe Mahka jati hai,
teri har baat mujhe bahka jati hai,
Saansen to bahut der leti hai aane jane me,
Har saans k pahle mujhe teri yaad aati hai.

(39)
Paani ko patthar na maro use bhi koi pita
hai,
Jina hai to muskurakar jiyo, tumhe dekhkar
koi aur bhi jita hai.

(40)
Kisi k Dhadkte Dil k pichhe koi baat hote
hai,
Kisi k udas Dil k piche koi yaad hoti hai,
Aap ko pata ho ya na ho,
aap k khushi k liye kahin roz fariyad hoti
hai.

(41)
jaan hai hume jaan se pyari,
Jaan k liye chhod du dunia sari
Jaan k liye chhod du rasme sari,
ab tumse kya chupana,
tum hi to ho jaan hamari.

(42)
Tu kya jane kya hai tanhai,
is tute hue Dil se puch kya hai judai,
Bewfai ka ilzam na de zalim,
is waqt se puch kis waqt teri yaad nahi aai.

(43)
Yuhin hi sapno se Dil ko lagaya karo,
Kisi k khwaabon me aya jaya karo,
Jab bhi Dil kahe ki koi tumhe bhi manaye,
Bas hame yaad kar k ruth jaya karo.

(44)
Maine khuda se ek dua mangi,
dua me apni maut mangi,
khuda ne kaha maut to tujhe de dun,
par uska kya jisne har dua me teri jindgi
mangi.

(45)
Karte nahi izhar
phir kyun karte ho tum pyar?
nazron se bate bahut hui
ab lab se karo ikrar…

(46)
Suna hai waqt ke saath halat badal jate
hain
Insan badal jate hain, jazbat badal jate
hain
Par tum na badloge, ye aitbar karta hoon
Main tumse pyaar karta hoon
Main tumse pyaar karta hoon

(47)
Jaam pe jaam peene se kya fayeda,
Raat guzri to utar jayegi,
Kisi ki aankhon se peeyo khuda ki kasam,
Umr saari nashe mein guzar jayegi.

(48)
Woh Zindagi hi kya jisme Mohabbat nahi,
Woh Mohabbat hi kya jisme Yaadein nahi,
Woh Yaadein kya jisme Tum nahi,
Aur woh Tum hi kya jiske saath Hum nahi.

(49)
Humne socha tha ki shayad, hum hi chahte
hai tumko,
par tumhe chahne wala to kafila nikla,
Dil ne kaha shikayat kar khuda se,
par khuda bhi tera chahne wala nikla.

(50)
Jab jab aapse milne ki umeed nazar aayi…
mere paav mein zanjir nazar aayi..
gir pade aansu aankh se…
aur har ek aansu mein aapki taswir nazar
aayi.

(51)
Dil ke rishtey bhi ajeeb hote hai..
duur reh kar bhi kareeb hote hai…
jo log aapko roz dekhte hai..
woh log kitne khushnaseeb hote hai..

(52)
Chehre pe haseen chha jati hai,
Aankhon main suroor aaa jata hai,
Jab tum mujhe apna kahte ho,
Apne pe ghuroor aa jata hai.

(53)
Zindagi jaise ek saza si ho gaye hai,
gam ke sagar me is kadar kho gayi hai,
tum aajao wapis yeh gujarish hai meri….
shayaad mujhe tumari aadat si hogayi hai.

(54)
Pani ka ek katra aankh se gira abhi abhi..
kya tum ne mujko yaad kiya abhi abhi..
tujh se mile zamana hua magar…
yun laga koi mujse mil k gaya abhi abhi..

(55)
Sham dhali, raat aayi Dil dhadka – Fir
Tumhari yaad aayi,
Aankho ne mehsus kiya us hawa ko – jo
tumhe chukar hamare pass aayi.

(56)
Yaad mein teri aanhe bharta hai koi,
har saans k saath tujhe yaad karta hai koi,
maut to sachai hai aani hai…..
lekin teri judaai mein har roz marta hai
koi….!

(57)
Tammana se nahi tanhai se darte hain,
pyaar se nahi ruswaai se darte hain,
milne ki to bohat chahat hai……..
par milne k baad judaai se darte hain

(58)
Ehsas Bahut Hoga Jab Chhor K Jaenge,
Roenge Bahut Magar Aansu Nahi Aaenge,
Jab Sath Na De Koi To Awaz Hume Dena
Aasman Per Bhi Honge To Laut K Aaenge.

(59)
kya mangu khuda se tumhe pane k baad.
kiska karu intzar zindgi me tere aane k
baad.
kyun pyar me jaan luta deta hai log…..
mujhe maloom hua tumhe apna banane k
baad.

(60)
Dil todna hamari aadat nahi,
Dil hum kisi ka dukhate nahi,
Bharosa rakhna meri wafaon pe…..
Dil me basa k hum kisi ko Bhulate nahi..

(61)
Dil ke rishtey bhi ajeeb hote hai..
duur reh kar bhi kareeb hote hai…
jo log aapko roz dekhte hai..
woh log kitne khushnaseeb hote hai..

(62)
Chehre pe haseen chha jati hai,
Aankhon main suroor aaa jata hai,
Jab tum mujhe apna kahte ho,
Apne pe ghuroor aa jata hai.

(63)
Zindagi jaise ek saza si ho gaye hai,
gam ke sagar me is kadar kho gayi hai,
tum aajao wapis yeh gujarish hai meri….
shayaad mujhe tumari aadat si hogayi hai.

(64)
Pani ka ek katra aankh se gira abhi abhi..
kya tum ne mujko yaad kiya abhi abhi..
tujh se mile zamana hua magar…
yun laga koi mujse mil k gaya abhi abhi..

(65)
Sham dhali, raat aayi Dil dhadka – Fir
Tumhari yaad aayi,
Aankho ne mehsus kiya us hawa ko – jo
tumhe chukar hamare pass aayi.

(66)
Yaad mein teri aanhe bharta hai koi,
har saans k saath tujhe yaad karta hai koi,
maut to sachai hai aani hai…..
lekin teri judaai mein har roz marta hai
koi….!

(67)
Tammana se nahi tanhai se darte hain,
pyaar se nahi ruswaai se darte hain,
milne ki to bohat chahat hai……..
par milne k baad judaai se darte hain

(68)
Ehsas Bahut Hoga Jab Chhor K Jaenge,
Roenge Bahut Magar Aansu Nahi Aaenge,
Jab Sath Na De Koi To Awaz Hume Dena
Aasman Per Bhi Honge To Laut K Aaenge.

(69)
kya mangu khuda se tumhe pane k baad.
kiska karu intzar zindgi me tere aane k
baad.
kyun pyar me jaan luta deta hai log…..
mujhe maloom hua tumhe apna banane k
baad.

(70)
Dil todna hamari aadat nahi,
Dil hum kisi ka dukhate nahi,
Bharosa rakhna meri wafaon pe…..
Dil me basa k hum kisi ko Bhulate nahi..

(71)
Band hothon se kuchh na kahkar,
ankhon se pyar jatate ho,
Jab bhi aate ho,
hamen hamse hi chura le jate ho.

(72)
Hame itna pyar mat karna ki,
duniya me mashhoor ho jaye
aur na hi itna bewafa banana…..ki
hum duniya ko chhodne k liye majboor ho
jaye.

(73)
Kuch Nasha Aapki Baat ka hai,
Kuch Nasha Dhimi Barsat ka hai,
Hame aap yuhi Sharabi mat Kahiye,
ye Dil par asar aapse pahali mulakat ka
hai…

(74)
Nigahen aapki pehchan hai hamari,
Muskarahat aapki shan hai hamari,
Karna hifazat tum apni…..
Kyounki sanse tumhaari jaan hain
hamari…

(75)
Suraj pass ho na ho, Roshni aaspas rehti
hai,
Chand paas ho na ho, Chandini aaspas
rehti hai,
Waise hi aap pas ho na ho,
aapki Yaadein hamesha paas rehti hai…..!

(76)
koi gila na koi shikwa rahe aapse
ye aarzoo hai ek silsila bana rahe aap se
bas ek baat ki umeed hai aapse
khafa na hona agar hum khafa rahain aap
se.

(77)
Mohabbat karo tu dhoka na dena,
Pyar ko ansuo ka tohfa na dena,
Dil se Roe koi aapki yaad mein…..
Aisa kisi ko moqa na dena.
(78)
Ankho me armaan diya karte hai hum.
Sabki neend chura liya karte hai hum.
Ab se jab jab aapki palke jhaphkengi.
Samajh lena tab tab aapko yaad kiya karte
hai hum.

(79)
Ga saku apka nagma wo saaz kaha se lau,
suna Saku Kuch aapko, wo andaz kaha se
Lau,
Yu to Chaand taro ki tarif karna aasan hai,,
Kar saku aapki tarif wo alfaz kaha se
lau…..!

(80)
Ae zindagi yu mujhse daga na kar,
Mai zinda rahu ye dua na kar….
Koi chhuta hai tujhe to hoti hai zalan……
Ae hawa tu bhi use chhuaa na kar….

(81)
Log kehte hain ki ishq itna mat karo,
ki hussan sar pe sawar ho jaaye…..!
hum kehte hai ki ishq itna karo,
ki patthar Dil ko bhi tumse pyaar ho jaye..!

(82)
Talaash Karo koi tumhe mil jayega,
Magar hamari tarah tumhe kaun chahega,
Zarur koi chahat ki nazar se tumhe
dekhega…..
Magar ankhein hamari kahan se layega…..!

(83)
Raat ko raat ka tohfa nahi dete,
dil ko jazbaat ka tohfa nahi dete,
hum tu tumhe chand bhe de dete…..
magar Chand ko Chand ka tohfa nahi
dete…..!

(84)
Tamana Khuch Bhi Nahin
Ek Tere Deedar K bina,
Zindagi Adhoori Hai Meri
Tere Pyar K bina.

(85)
Bada arman tha tere sang jeewan bitane
ka,
shikwa hai to bas tere khamosh reh jane
ka,
Deewangi is se bad kar kya hogi,
aaj bhi hume intizar hai tere aane ka.

(86)
Hum aap ko kabhi khone nahi denge,
juda hona chaha to bhi hone nahi denge,
Chandni raton me ayegi meri yaad…..
meri yaad k wo pal aap ko sone nahi
denge.

(87)
Hum ne her shaam chirago se saja rakhi
hai,
par shart hawaon se laga rakhi hai,
na jane kis gali se aa jae mera sanam…..
hum ne her gali phuulon se saja rakhi hai.

(88)
Hasrat hai sirf tumhe pane ki,
aur koi khawahish nahi is Dewane ki,
shikwa mujhe tumse nahi khuda se hai…..
kya zarurat thi tumhe itna khuubsurat
banane ki.

(89)
khuda ne jab tumhe banaya hoga,
hajaro saal dekha hoga, lakho saal nihara
hoga,
phir usne socha hoga tumhe swarg main
rakh lu…..
lekin use mera khayal aaya hoga…..!

(90)
Nazro se shuru hota hai Pyaar,
do Dilo me ek sath panapta hai Pyaar,
Jo Mumkin nahi hai karna is duniya me,
Aise namumkin kaam bhi kar dikhata hai
Pyaar.

(91)
Maut Pe Bhi Mujhe Yakeen Hai
Tum Per Bhi Aitabar Hai,
Dekhna Hai Pehle Kaun Aata Hai
Humein Dono Ka Intizar Hai.

(92)
Tum hansti ho mujhe hasane k liye,
Tum roti ho mujhe rulane k liye,
Tum ek bar ruuthkar to dekho…..
Mar bhi Jaunga tumhein manane k liye.

(93)
Yaad karte hain tumhein tanhayi mein,
Dil duuba hai gamo ki gehrayi mein,
humein mat dhundna dunia ki bheer
mein,
hum Milenge tumhein tumhari parchayi
mein.

(94)
Ye Dil tere liye beqarar aaj bhi hai,
Meri aankh ko tera intizar aaj bhi hai,
Tu aayegi ye umeed hai mujhe…..
Tujh ko pane k liye ye tera deewana aaj bhi
hai.

(95)
Ishq karna asaan nahin hota,
Duriyan badne se pyar kam nahi hota,
Waqt bewaqt ho jati hain aankhein nam,
Kyun ki yaadon ka koi mausam nahin hota.

(96)
Phuulo ki tarah hansti raho,
Kaliyoun ki tarah muskurati raho,
Khuda se sirf itna mangta hoon…..
ki tum mujhe hamesha yaad aati raho.

(97)
Dunia jise neend kehti hai,
jane wo kya cheez hai,
Aankhe to hum bhi band karte hai….
par wo aap se milne ki tarkeeb hai.

(98)
Mere chehare ki hansi ho tum,
Mere Dil ki har khushi ho tum,
Mere hontho ki mushkan ho tum,
Dhadakta hai mera ye Dil jishke liye…..
woh Meri Jaan tum ho tum.

(99)
Koi sham aati hai tumhari yaad lekar,
Koi sham jati hai tumari yaad dekar,
Mujhe tho us sham ka intezar hai,,,,,
jo aaye tume saath lekar.

(100)
Dil Ki Nazuk Dhadkano Ko
Mere Sanam Tumne Dhadakna Sikha Diya
Jab Se Mila Hai Tera Pyaar Dil Ko
Gum Me Bhi Muskurana Sikha Diya.

(101)
tere chehre ne kuch aisa gazab dhaya hai,
ki tere Husn se aaj chand bhi sharmaya
hai,
maang lete tujhe aaj uss khuda se,
par woh bhi aaj tera gulam nazar aaya hai!

(102)
Wo din din nahi, wo raat raat nahi,
wo pal pal nahi, jis pal teri Yaad nahi,
teri yadon se maut hame alag kar sake,
maut ki bhi ye aukat nahi.

(103)
Na gujarna eid k din kisi masjid k pas se,
kahin log chand samajh kar roja na tod de,
hokar khafa khuda tumse kahi…..
Chand jaise chehre banana na chhor de.

(104)
Tanha khud ko kabhi mat hone dena,
apno ko kabhi rone mat dena,
aap bahut khaas hain hamare liye…..
Is khayaal ko apne se kabhi juda hone mat
dena…..!

(105)
Hamari har khata pe naraz na hona,
apni pyari C muskurahat ko kabhi na
khona,
Sukun milata hain dekh kar aapaki
muskurahat,
hume maut bhi aaye to bhi mat rona.

(106)
Lab khamosh hain aankhon se baat hoti
hai,
Aise hi Mohabbat ki shuruwat hoti hai…..
Tere hi khayalon me khoye rehte hai hum,
Pata nahi kab din kab raat hoti hai….

(107)
Aankhon me rehne wale ko yaad nahi
karte,
Dil me rehne wale ki baat nahi karte,
Hamari to RUUH me bas gaye ho aap,
Tabhi to milne ki FARIYAD nahi karte…..!

(108)
Aankhon ki gehraayi ko samajh nahi paate,
Hoth he magar kuch hum keh nahi paate,
Apni Dil ki baat kis tarah kahe tumse,
Tum wahi ho jinke bina hum reh nahi
paate.

(109)
Mehakti baharo me tumhe Phuulon ki
tarah dekha hai,
Baraste Sawan me tumhe Buundo ki n
dekha hai,
saja rakhe hai jo khwab apni zindagi ki
raho me,
un raho me tumhe apni Dulhan bane

(110)
Mohabbat mujhe thi usi se..Sanam.
Yadaon me uski yeh Dil tadpta raha ..
Maut bhi meri Chahat ko rok na saki..
Kabr me bhi yeh Dil Dhadkta raha.

(111)
Tumhari is ada ka kya jawab du,
apne dost ko kya uphar du,
koi achcha sa phool hota to mali se
mangvata,
jo khud gulab hai usko kya gulab du…

(112)
Aapki Muskurahat ne hame behosh kar
diya,
Aapki Muskurahat ne hame behosh kar
diya,
Hum Hosh me aane hi waale the,
ki Aapne fir se muskura diya.

(113)
Bina dard ke ansu bahaye nahi jate,
Bina pyar ke rishte nibhaye nahi jate,
E dost 1 baat yaad rakhna bina DIL diye
DIL paye bhi nahi jate.

(114)
Mast Nazron se dekh lenaa tha
Agar tamanna thi aazmane ki,
Hum to behosh youn hi ho jaate
Kya zaroorat thi muskurane ki.

(115)
Badi Muddat se chaha hai tujhe,
bade Duaon se paya hai tujhe,
tujhe bhulane ki socho bhi to kaise,
Kismat ki Lakiron se churaya hai tujhe!

(116)
ek nazar teri kaher dhati hai,
ek teri chal lehrati hai,
dua dete hain hum jab tu aati jati hai,
girten hain log aur tu hasti jati hai…

(117)
Zindagi ek phool hai aur mohabbat us ka
shehed
Pyar Ek Dariya Hai, Aur Mehboob uski
sarhad.

(118)
Dil Ko Manana Gar Hota Aasaan,
Na Karta Kisi Ko Yun Ye Pareshaan,
Tanha Na Rahta Bhari Mehfil Me,
Na Hoti Woh Halat Jo Ho Na Sake Bayaan.

(119)
Tapish Suraj Ki Hoti Hai, Jalna Zameen Ko
Parta Hai Qusur Aankhon Ka Hota Hai,
Tarapna Dil Ko Parta Hai.

(120)
Koi aankhon aankhon se baat kar leta hai,
Koi aankhon aankhon mein mulakat kar
leta hai,
Mushkil hota hai jawab dena,
Jab koi khamosh rehkar bhi sawal kar leta
hai

(121)
Kismet se apni sabko shikayat kyu hai,
Jo nahi mil sakta usi se mohabbat kyu hai,
Kitne khade hai raho pe,
Phir bhi dil ko usi ki chahat kyu hai.

(122)
Chand ki raton mein sara jahan sota hai,
Lekin kisi ki yadoon mein koi badnaseeb
rota hai,
Khuda kisi ko mohabbat pe fida na kare,
Agar kare to kisi ko juda na kare

(123)
Khudaa jab husn deta hai nazaakat aaa hi
jati hai,
Kadam chun chun kar rakhti ho…..
Phir bhi kamar balkha hi jaati hai…..

(124)
Yun durr rehkar duriyon ko badaya nahi
karte,
Apne deewano ko sataya nahi karte,
Har waqt bas jise tumhara khyal ho,
Usey apni awaaz ke liye tadpaya nahi karte

(125)
Jamane se nahi to tanhai se darta hu,
Pyar se nahi to ruswai se darta hu,
Milne ki umang bahot hoti hai dil me,
Lekin milne ke baad teri judai se darta hu

(126)
Ham tere dil mein rahenge ek yaad bankar,
Tere lab pa khilenge muskaan bankar,
Kabhi hamein apne se juda na samajhna,
Hum tere saath challenge aasmaan bankar

(127)
Kuch nasha to aapki baat ka hai
Kuch nasha to dheemi barsaat ka hai
Hame aap yuhi sharabi na kahiye,
Yeh dil par asar to aapse mulaqat ka hai

(128)
Dil se tumhe kaise mita de,
Hum tumhe kaise bhoola de.
Ji to chahata hai duniya chor de,
Ya phir judai dene wale in duniya walo ko
phod de.

(129)
Yeh mat pucho tum bin hum kya kya khote
rahe,
Tumhari yaadon mein hum roz kitne rote
rahe,
Na din gujre hai na raatein,
Bas kuch bechain se hum hote rahe!

(130)
Tumhari lovely aankho ne,
Hame aise attract kiya,
Ke sabko neglect karke,
Tumhe hi select kiya.

(131)
Na khuda dil banata na kisise pyar hota,
Na kisiki yaad ati na kisika intazar hota.
Dil diya hai ise sambhal ke rakhna,
Shishe se bana hai pathar se dur rakhna!

(132)
Agar hum na hote to ghazal kaun kehta,
Aap ke chehre ko kamal ko kehta,
Yeh to karishma hai mohabbat ka,
Varna pathro ko tajmahal kaun kehta

(133)
Chaho to dil se hamko mitta dena
Chaho to humko bhula dena
Par Yeh wada karo ki aaye jo kabhi yaad
hamari
To rona nahi Bus muskura dena…

(134)
Tarasti nazaron ki pyas ho tum,
Tadapte dil ki aas ho tum,
Bujti zindagi ki sas ho tum,
Phir kaise na kahu?.. kuch khas ho tum.

(135)
Aankhon Me Armaan Diya Karte Hai,
Hum Sabki Neend Chura Liya Karte Hai,
Ab Se Jab Jab Aapki Palkay Jhapkeygi…..
samaj Lena Tab Tab Hum Aapko Yaad kiya
karte Hai…..!

(136)
Sabne kaha ishq dard hai,
Humne kaha ye dard Kabul hai,
Sabne kaha is dard ke saath ji nahi paoge,
Humne kaha is dard ke saath marna Kabul
hai

(137)
Kaash tum mujhe ek khat likh dete,
mujhme kya kya thi kami yeh to bata dete,
tadapte dil se mere tumne nafrat kyu ki,
nafrat ki hi mujhe koi vajah to bata dete.

(138)
Raat hogi to chand duhai dega,
Khawabon mein aapko woh chehra dikhai
dega,
Ye mohabbat hai zara sochke karna,
Ek aansoo bhi gira to sunai dega.

(139)
Ishq wale ankho ki baat samajh lete hai,
Sapno me mil jaye to mulakat samajh lete
hai,
rota to aasma bhi hai Pyaar k liye,
par log use barsat samajh lete hai.

(140)
Chehre pe haseen chaa jati hai
Aankhon main suroor aaa jata hai
Jab tum mujhe apna kahte ho
Apne pe ghuroor aa jata hai

(141)
Khoob aati hai jab
Yaad teri bahot sataati hai,
Dhoop main,chaanw main, ghataao.n
mai.n,
Teri soorat ubhar K aati hai

(142)
Taare aasman me hi chamkte hai,
Badal itne dur hai, phir bhi baraste hai,
Hum bhi kitne ajib hai,Tum Dil me rehte
ho,
aur hum tumse milne ko taraste hai

(143)
Aasman se uncha koi nahi,
Sagar se gahra koi nahi,
Yun to mujhko sabhi Pyare hai,
par aapse Pyara koi nahi

(144)
Aaj us khuda ki shararat samajh me aai,
is dharti par aapki maujudgi samajh aai,
Aapko is dharti par bhejna us khuda ka
bahana tha,
Kyo ki hamare lie aapko aana hi tha.

(145)
Kismat me jiski aap, use jindgi se kya
chaahiye,
Dhadkan me jinki aap, use dunia se kya
chaahiye,
Hum to jite hai aap k liye, warna in
saanson se kya chaahiye.

(146)
Kash Dil ki awaz me itna asar ho jay,
Hum apko yaad karen aur apko khabar ho
jay,
Aaj kuda se itni hi dua hai, aap jo bhi
chaho vo haqiqat ho jay.

(147)
Kushbu tere Pyar ki mujhe Mahka jati hai,
teri har baat mujhe bahka jati hai,
Saansen to bahut der leti hai aane jane me,
Har saans k pahle mujhe teri yaad aati hai.

(148)
Paani ko patthar na maro use bhi koi pita
hai,
Jina hai to muskurakar jiyo, tumhe dekhkar
koi aur bhi jita hai.

(149)
Kisi k Dhadkte Dil k pichhe koi baat hote
hai,
Kisi k udas Dil k piche koi yaad hoti hai,
Aap ko pata ho ya na ho,
aap k khushi k liye kahin roz fariyad hoti
hai.

(150)
jaan hai hume jaan se pyari,
Jaan k liye chhod du dunia sari
Jaan k liye chhod du rasme sari,
ab tumse kya chupana,
tum hi to ho jaan hamari.

(151)
Tu kya jane kya hai tanhai,
is tute hue Dil se puch kya hai judai,
Bewfai ka ilzam na de zalim,
is waqt se puch kis waqt teri yaad nahi aai.

(152)
Yuhin hi sapno se Dil ko lagaya karo,
Kisi k khwaabon me aya jaya karo,
Jab bhi Dil kahe ki koi tumhe bhi manaye,
Bas hame yaad kar k ruth jaya karo.

(153)
Maine khuda se ek dua mangi,
dua me apni maut mangi,
khuda ne kaha maut to tujhe de dun,
par uska kya jisne har dua me teri jindgi
mangi.

(154)
Karte nahi izhar
phir kyun karte ho tum pyar?
nazron se bate bahut hui
ab lab se karo ikrar…

(155)
Suna hai waqt ke saath halat badal jate
hain
Insan badal jate hain, jazbat badal jate
hain
Par tum na badloge, ye aitbar karta hoon
Main tumse pyaar karta hoon
Main tumse pyaar karta hoon

(156)
Jaam pe jaam peene se kya fayeda,
Raat guzri to utar jayegi,
Kisi ki aankhon se peeyo khuda ki kasam,
Umr saari nashe mein guzar jayegi.

(157)
Woh Zindagi hi kya jisme Mohabbat nahi,
Woh Mohabbat hi kya jisme Yaadein nahi,
Woh Yaadein kya jisme Tum nahi,
Aur woh Tum hi kya jiske saath Hum nahi.

(158)
Humne socha tha ki shayad, hum hi chahte
hai tumko,
par tumhe chahne wala to kafila nikla,
Dil ne kaha shikayat kar khuda se,
par khuda bhi tera chahne wala nikla.

(159)
Jab jab aapse milne ki umeed nazar aayi…
mere paav mein zanjir nazar aayi..
gir pade aansu aankh se…
aur har ek aansu mein aapki taswir nazar
aayi.

(160)
Dil ke rishtey bhi ajeeb hote hai..
duur reh kar bhi kareeb hote hai…
jo log aapko roz dekhte hai..
woh log kitne khushnaseeb hote hai..

(161)
Chehre pe haseen chha jati hai,
Aankhon main suroor aaa jata hai,
Jab tum mujhe apna kahte ho,
Apne pe ghuroor aa jata hai.

(162)
Zindagi jaise ek saza si ho gaye hai,
gam ke sagar me is kadar kho gayi hai,
tum aajao wapis yeh gujarish hai meri….
shayaad mujhe tumari aadat si hogayi hai.

(163)
Pani ka ek katra aankh se gira abhi abhi..
kya tum ne mujko yaad kiya abhi abhi..
tujh se mile zamana hua magar…
yun laga koi mujse mil k gaya abhi abhi..

(164)
Sham dhali, raat aayi Dil dhadka – Fir
Tumhari yaad aayi,
Aankho ne mehsus kiya us hawa ko – jo
tumhe chukar hamare pass aayi.

(165)
Yaad mein teri aanhe bharta hai koi,
har saans k saath tujhe yaad karta hai koi,
maut to sachai hai aani hai…..
lekin teri judaai mein har roz marta hai
koi….!

(166)
Tammana se nahi tanhai se darte hain,
pyaar se nahi ruswaai se darte hain,
milne ki to bohat chahat hai……..
par milne k baad judaai se darte hain

(167)
Ehsas Bahut Hoga Jab Chhor K Jaenge,
Roenge Bahut Magar Aansu Nahi Aaenge,
Jab Sath Na De Koi To Awaz Hume Dena
Aasman Per Bhi Honge To Laut K Aaenge.

(168)
kya mangu khuda se tumhe pane k baad.
kiska karu intzar zindgi me tere aane k
baad.
kyun pyar me jaan luta deta hai log…..
mujhe maloom hua tumhe apna banane k
baad.

(169)
Dil todna hamari aadat nahi,
Dil hum kisi ka dukhate nahi,
Bharosa rakhna meri wafaon pe…..
Dil me basa k hum kisi ko Bhulate nahi..

(170)
Dil ke rishtey bhi ajeeb hote hai..
duur reh kar bhi kareeb hote hai…
jo log aapko roz dekhte hai..
woh log kitne khushnaseeb hote hai..

(171)
Chehre pe haseen chha jati hai,
Aankhon main suroor aaa jata hai,
Jab tum mujhe apna kahte ho,
Apne pe ghuroor aa jata hai.

(172)
Zindagi jaise ek saza si ho gaye hai,
gam ke sagar me is kadar kho gayi hai,
tum aajao wapis yeh gujarish hai meri….
shayaad mujhe tumari aadat si hogayi hai.

(173)
Pani ka ek katra aankh se gira abhi abhi..
kya tum ne mujko yaad kiya abhi abhi..
tujh se mile zamana hua magar…
yun laga koi mujse mil k gaya abhi abhi..

(174)
Sham dhali, raat aayi Dil dhadka – Fir
Tumhari yaad aayi,
Aankho ne mehsus kiya us hawa ko – jo
tumhe chukar hamare pass aayi.

(175)
Yaad mein teri aanhe bharta hai koi,
har saans k saath tujhe yaad karta hai koi,
maut to sachai hai aani hai…..
lekin teri judaai mein har roz marta hai
koi….!

(176)
Tammana se nahi tanhai se darte hain,
pyaar se nahi ruswaai se darte hain,
milne ki to bohat chahat hai……..
par milne k baad judaai se darte hain

(177)
Ehsas Bahut Hoga Jab Chhor K Jaenge,
Roenge Bahut Magar Aansu Nahi Aaenge,
Jab Sath Na De Koi To Awaz Hume Dena
Aasman Per Bhi Honge To Laut K Aaenge.

(178)
kya mangu khuda se tumhe pane k baad.
kiska karu intzar zindgi me tere aane k
baad.
kyun pyar me jaan luta deta hai log…..
mujhe maloom hua tumhe apna banane k
baad.

(179)
Dil todna hamari aadat nahi,
Dil hum kisi ka dukhate nahi,
Bharosa rakhna meri wafaon pe…..
Dil me basa k hum kisi ko Bhulate nahi..

(180)
Band hothon se kuchh na kahkar,
ankhon se pyar jatate ho,
Jab bhi aate ho,
hamen hamse hi chura le jate ho.

(181)
Hame itna pyar mat karna ki,
duniya me mashhoor ho jaye
aur na hi itna bewafa banana…..ki
hum duniya ko chhodne k liye majboor ho
jaye.

(182)
Kuch Nasha Aapki Baat ka hai,
Kuch Nasha Dhimi Barsat ka hai,
Hame aap yuhi Sharabi mat Kahiye,
ye Dil par asar aapse pahali mulakat ka
hai…

(183)
Nigahen aapki pehchan hai hamari,
Muskarahat aapki shan hai hamari,
Karna hifazat tum apni…..
Kyounki sanse tumhaari jaan hain
hamari…

(184)
Suraj pass ho na ho, Roshni aaspas rehti
hai,
Chand paas ho na ho, Chandini aaspas
rehti hai,
Waise hi aap pas ho na ho,
aapki Yaadein hamesha paas rehti hai…..!

(185)
koi gila na koi shikwa rahe aapse
ye aarzoo hai ek silsila bana rahe aap se
bas ek baat ki umeed hai aapse
khafa na hona agar hum khafa rahain aap
se.

(186)
Mohabbat karo tu dhoka na dena,
Pyar ko ansuo ka tohfa na dena,
Dil se Roe koi aapki yaad mein…..
Aisa kisi ko moqa na dena.
(187)
Ankho me armaan diya karte hai hum.
Sabki neend chura liya karte hai hum.
Ab se jab jab aapki palke jhaphkengi.
Samajh lena tab tab aapko yaad kiya karte
hai hum.

(188)
Ga saku apka nagma wo saaz kaha se lau,
suna Saku Kuch aapko, wo andaz kaha se
Lau,
Yu to Chaand taro ki tarif karna aasan hai,,
Kar saku aapki tarif wo alfaz kaha se
lau…..!

(189)
Ae zindagi yu mujhse daga na kar,
Mai zinda rahu ye dua na kar….
Koi chhuta hai tujhe to hoti hai zalan……
Ae hawa tu bhi use chhuaa na kar….

(190)
Log kehte hain ki ishq itna mat karo,
ki hussan sar pe sawar ho jaaye…..!
hum kehte hai ki ishq itna karo,
ki patthar Dil ko bhi tumse pyaar ho jaye..!

(191)
Talaash Karo koi tumhe mil jayega,
Magar hamari tarah tumhe kaun chahega,
Zarur koi chahat ki nazar se tumhe
dekhega…..
Magar ankhein hamari kahan se layega…..!

(192)
Raat ko raat ka tohfa nahi dete,
dil ko jazbaat ka tohfa nahi dete,
hum tu tumhe chand bhe de dete…..
magar Chand ko Chand ka tohfa nahi
dete…..!

(193)
Tamana Khuch Bhi Nahin
Ek Tere Deedar K bina,
Zindagi Adhoori Hai Meri
Tere Pyar K bina.

(194)
Bada arman tha tere sang jeewan bitane
ka,
shikwa hai to bas tere khamosh reh jane
ka,
Deewangi is se bad kar kya hogi,
aaj bhi hume intizar hai tere aane ka.

(195)
Hum aap ko kabhi khone nahi denge,
juda hona chaha to bhi hone nahi denge,
Chandni raton me ayegi meri yaad…..
meri yaad k wo pal aap ko sone nahi
denge.

(196)
Hum ne her shaam chirago se saja rakhi
hai,
par shart hawaon se laga rakhi hai,
na jane kis gali se aa jae mera sanam…..
hum ne her gali phuulon se saja rakhi hai.

(197)
Hasrat hai sirf tumhe pane ki,
aur koi khawahish nahi is Dewane ki,
shikwa mujhe tumse nahi khuda se hai…..
kya zarurat thi tumhe itna khuubsurat
banane ki.

(198)
khuda ne jab tumhe banaya hoga,
hajaro saal dekha hoga, lakho saal nihara
hoga,
phir usne socha hoga tumhe swarg main
rakh lu…..
lekin use mera khayal aaya hoga…..!

(199)
Nazro se shuru hota hai Pyaar,
do Dilo me ek sath panapta hai Pyaar,
Jo Mumkin nahi hai karna is duniya me,
Aise namumkin kaam bhi kar dikhata hai
Pyaar.

(200)
Maut Pe Bhi Mujhe Yakeen Hai
Tum Per Bhi Aitabar Hai,
Dekhna Hai Pehle Kaun Aata Hai
Humein Dono Ka Intizar Hai.

(201)
Tum hansti ho mujhe hasane k liye,
Tum roti ho mujhe rulane k liye,
Tum ek bar ruuthkar to dekho…..
Mar bhi Jaunga tumhein manane k liye.

(202)
Yaad karte hain tumhein tanhayi mein,
Dil duuba hai gamo ki gehrayi mein,
humein mat dhundna dunia ki bheer
mein,
hum Milenge tumhein tumhari parchayi
mein.

(203)
Ye Dil tere liye beqarar aaj bhi hai,
Meri aankh ko tera intizar aaj bhi hai,
Tu aayegi ye umeed hai mujhe…..
Tujh ko pane k liye ye tera deewana aaj bhi
hai.

(204)
Ishq karna asaan nahin hota,
Duriyan badne se pyar kam nahi hota,
Waqt bewaqt ho jati hain aankhein nam,
Kyun ki yaadon ka koi mausam nahin hota.

(205)
Phuulo ki tarah hansti raho,
Kaliyoun ki tarah muskurati raho,
Khuda se sirf itna mangta hoon…..
ki tum mujhe hamesha yaad aati raho.

(206)
Dunia jise neend kehti hai,
jane wo kya cheez hai,
Aankhe to hum bhi band karte hai….
par wo aap se milne ki tarkeeb hai.

(207)
Mere chehare ki hansi ho tum,
Mere Dil ki har khushi ho tum,
Mere hontho ki mushkan ho tum,
Dhadakta hai mera ye Dil jishke liye…..
woh Meri Jaan tum ho tum.

(208)
Koi sham aati hai tumhari yaad lekar,
Koi sham jati hai tumari yaad dekar,
Mujhe tho us sham ka intezar hai,,,,,
jo aaye tume saath lekar.

(209)
Dil Ki Nazuk Dhadkano Ko
Mere Sanam Tumne Dhadakna Sikha Diya
Jab Se Mila Hai Tera Pyaar Dil Ko
Gum Me Bhi Muskurana Sikha Diya.

(210)
tere chehre ne kuch aisa gazab dhaya hai,
ki tere Husn se aaj chand bhi sharmaya
hai,
maang lete tujhe aaj uss khuda se,
par woh bhi aaj tera gulam nazar aaya hai!

(211)
Wo din din nahi, wo raat raat nahi,
wo pal pal nahi, jis pal teri Yaad nahi,
teri yadon se maut hame alag kar sake,
maut ki bhi ye aukat nahi.

(212)
Na gujarna eid k din kisi masjid k pas se,
kahin log chand samajh kar roja na tod de,
hokar khafa khuda tumse kahi…..
Chand jaise chehre banana na chhor de.

बेटी का भाग्य.....!!
"भगवान क्या लिख रहे हो, इतनी देर से?"
देवदूत ने सृष्टि के निर्माता के कक्ष में आते हुवे कहा।
भगवान् ने उसकी तरफ ध्यान दिए बगैर लिखना चालू
रखा।
देवदूत ने कहा:- "सो जाइये भगवान् कई दिनों से आपने
तनिक भी विश्राम नहीं किया, क्या लिख
रहे है
आप?"
भगवान् :- "भाग्य"
देवदूत :- "किसका?"
भगवान :- "है एक गाव की लड़की,
अभी कुछ
ही महीनो में उसका जन्म होगा,
उसी का भाग्य
लिख रहा हुँ।"
देवदूत ने हंस कर कहा :- "गाव
की लड़की उसका क्या भाग्य?"
भगवान् ने क्रोधित होते हुवे कहा :- "ये आम
बेटी नहीं है,
इसका भाग्य मेने खुद लिखा है।"
देवदूत ने कहा :- "ऐसा क्या भाग्य है इसका?
भगवान् :- "ये लड़की बहुत पढेगी।"
देवदूत ने कटाक्ष में कहा :- "गांव में इसे कौन पढने देगा?"
भगवान् :- "ये खुद अपनी महेनत से
पढेगी और अपने गाव
का नाम रोशन करेगी।
अपने गांव की ये
एकलौती पढ़ी-
लिखी लड़की पुरे गाव
में क्रांति लाएगी, पुरे समाज को सुधारेगी।
देखना फिर उस गाव में कोई कम पढ़ा-लिखा न होगा।
देश में बड़े-बड़े लोग इसके इस कार्य से प्रभावित होंगे।
उसे उसके कार्य के लिए पुरस्कार दिया जायेगा।
वो अपने माँ-बाप का नाम रोशन करेगी, समझो ये
साक्षात लक्ष्मी होगी।
अपने माँ-बाप के सभी दुःख वो दूर करेगी।
एक झोपड़े से वो उन्हें महलों तक ले जायेगी।"
देवदूत ने कहा :- "पर क्या काम का,
लड़की तो पराया धन होती है.?
एक दिन ससुराल चली जायेगी, फिर?"
भगवान ने कहा :- "ना, ना ये
लड़की शादी के बाद
भी अपने माँ-बाप को संभालेगी।
अरे जिस दिन इसका भाई इसके माँ-बाप को घर से
निकालेगा उस दिन
यही बेटी उनका सहारा बनेगी।
उन्हें किसी बात का दुःख होने
नहीं देगी।"
अचानक भगवान बोलते-बोलते रुक गए।
उनकी छाती में पीड़ा होने
लगी।
देवदूत ने उन्हें संभाला और कहा:- "क्या हुवा भगवान?"
भगवान् की आँखों में आसू थे :-
"मेरी सारी मेहनत
पानी में गई देवदूत!"
देवदूत :- "क्या हुवा?"
भगवान :- "अब वो बेटी जन्म
नहीं लेगी"
देवदूत:- "क्यों भगवान्?"
भगवान :- "उसकी माँ ने उसे जन्म देने से पहले
ही मार
डाला"
देवदूत बुरी तरह चीखा :- "क्यों.........
..?
भगवान :- "सुनो.... उनकी आवाज... उन
दुष्टों की आवाज....वो कहते है उन्हें
बेटी नहीं बेटा चाहिए, बेटा चाहिए।
देवदूत ये लोग क्यों एसा करते है, क्यों बेटियों को जन्म
लेने से पहेले ही मार देते है....क्यों देवदूत क्यों?
देवदूत चुप-चाप भगवान के आँसुओ से कागज पे लिखे
बेटी के
भाग्य को बहता देख रहा था।

सङक पर एक्सीडेन्ट हो गया।

उसको देखने के लिए काफी भीङ
इकठ्ठा हो गई!

सँता भी देखने के लिए
भागा भागा आया !

लेकिन ज्यादा भीङ होने के
कारण वो कुछ देख नहीँ पाया।

सँता ने अपना माइंड लगाया
और जोर से चिलाया -
हट जाओ
जो मरा है
वो मेरा बाप है।

तुरन्त ही सारी भीङ हट गई,

सँता ने देखा वहाँ एक
कुत्ता मरा पङा था..!!����

Na zuban se,
Na nigaho se,
Na dimag se,
Na rango se,
Na Greeting se,
Na Gifts se,
Direct dil se *AAP* ko;
"HAPPY HOLY"

Happy Holi...(Holi Sms,Shatyaries)

Saade rang ko galti se aap naa kora samjho,Isi mey samaaye indradhanushi saaton rang,Jo dikhe aapko zindagi saadagi bhari kisi ki,To aap yun samjho satrangi hai duniya usiki, Holi aayi satrangi rango ki bouchar laayi,Dher saari mithai aur mitha mitha pyar laayi,Aap ki zindagi ho mithe pyar aur khusiyon se bhari,Jisme samaaye saaton rang yahi shubhkamna hai hamaari.

ना तुम अपने आप को गले लगा सकते हो,

ना ही तुम अपने कंधे पर सर रखकर रो सकते हो। 

एक दूसरे के लिये जीने का नाम ही जिंदगी है।

इसलिये वक़्त उन्हें भी दो जो  तुम्हे चाहते है दिल से।

रिश्ते पैसो के मोहताज़ नहीं होते।

क्योंकि कुछ रिश्ते  मुनाफा नहीं देते
पर अमीर जरूर बना देते है |

अजीब रिवाज निकाला है आजकल.....!!!!!
ये msg 9 लोगों को भेजो, मुराद पूरी होगी...
ये msg 10 लोगों को भेजो, वरना 10 साल के लिए बदकिस्मत हो जाओगे...
मॉं के लिए भेजो, पिता के लिए भेजो, इसके लिए भेजो-उसके लिए भेजो...!?!?!?
अब क्या किस्मत का फैसला Mobile के msg,WhatsApp और facebook की post या photo किया करेगी ?
जन्नत मिल जाएगी...
बद्दकिस्मत हो जाओगे...
सुबह तक अच्छी खबर...
और रात तक बुरी खबर मिलेगी, अगर नहीं भेजा तो...
क्या msg भेजने या फोटो Like करने से मन्नत पूरी होगी  ?
बल्कि ये msg अधिक से अधिक Forward करो ताकि लोगों का ये डर खत्म हो...
ऐसा msg आये तो सबसे पहले DELETE करो...शांति मिलेगी...
समय बचेगा और सबसे बडी बात... आपकी ओर से किसी को भी टेन्शन नहीं होगा और ना ही अंधविश्र्वास फैलेगा...
क्या आप इस msg को Share करोगे  ???
विश्र्व को क्रांतिकारी विचारधारा देनेवाले भारतवर्ष को अंधविश्र्वास से बचाने के लिए ये msg को फैलाना हम सबका नैतिक व परम कर्तव्य है ।
एक बेहद गरीब परिवार से होने के बावजूद अपनी मेहनत और समर्पण के बल पर बड़े से बड़े सपनो को साकार करने का एक जीता-जागता प्रमाण हैं अब्दुल कलाम

नफरतों के बाजार में जीने का अलग ही मजा है.!.
लोग "रूलाना" नहीं छोडते,
और हम "हसना" नहीं छोडते..!!..
"हमने अपने नसीब से ज्यादा अपने दोस्तो पर भरोसा रखा है.
क्युंकि
नसीब तो बहुत बार बदला है,
लेकिन मेरे दोस्त अभी भी वही है!"