गुलझार यांची एक सुंदर कविता👌


ऐ उम्र !
कुछ कहा मैंने,
पर शायद तूने सुना नहीं..
तू छीन सकती है बचपन मेरा,
पर बचपना नहीं..!!

हर बात का कोई जवाब नही होता
हर इश्क का नाम खराब नही होता...
यु तो झूम लेते है नशे में पीनेवाले
मगर हर नशे का नाम शराब नही होता...
खामोश चेहरे पर हजारों पहरे होते है
हंसती आँखों में भी जख्म गहरे होते है
जिनसे अक्सर रुठ जाते है हम,
असल में उनसे ही रिश्ते गहरे होते है..
किसी ने खुदासे दुआँ मांगी
दुआँ में अपनी मौत मांगी,
खुदा ने कहा, मौत तो तुझे दे दूँ मगर,
उसे क्या कहूं जिसने तेरी जिंदगी की दुआँ मांगी..
हर इन्सान का दिल बुरा नही होता
हर एक इन्सान बुरा नही होता
बुझ जाते है दीये कभी तेल की कमी से....
हर बार कुसुर हवा का नही होता !!!

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