ताजमहल पर 3 दोस्तों
की कविता ....
कुंवारा→तकदीर है मगर किस्मत नही खुलती,
ताज महल बनाना चाहता हु ,
मगर मुमताज़ नही मिलती ...
आशिक →तकदीर है मगर किस्मत नही खुलती,
मुमताज़ मिल गई है ,
मगर शादी नही करती ......
मैरिड →तकदीर है मगर किस्मत नही खुलती,
ताजमहल बनाना चाहता हु, मगर मुमताज़ नही मरती ......😂😂😜😜
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