Aawaj..

दुसरो को सुनाने के लिए अपनी "आवाज" ऊँची मत करो...
बल्कि ...
अपना "व्यक्तित्व" इतना ऊँचा
बनाओ कि आपको सुनने के लिए "लोग" इंतज़ार करें...!!!

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