मुहावरे और उनके शराबिक अर्थ -👇👇👇👇👇
®हाथ पांव फूलना- समय पर दारू का ना मिलना
®ऊंट के मुंह मे जीरा-दारू कम पड़ जाना
®कलेजा ठंडा होना-
एक पैग गले के नीचे उतरना
®मुंह मीठा करना- पहली बार किसी को दारू पिलाना
®हाथ साफ करना-पार्टी में दारू की बोतल धीरे से पार कर देना
®नेकी कर दरिया मे डाल-फ्री में दोस्तो को पिलाना
®आँख फड़कना- नशा उतरते जाना
®आँख लाल करना-फुल टून हो जाना
®अंधे की लकड़ी- कोई फ्री दारू पिलाने वाला मिल जाना
®अंगारो पर पैर रखना-दारू पीकर घर जाना
®आकाश के तारे तोड़ना- ठेके की लाईन में पहले स्थान पर होना
®तिल का ताड़ बनाना-
दारू पीकर उपदेश देना
®ठन ठन गोपाल- दारू पीने के लिए पैसा न होना
®दम मे दम आना-दारू के साथ चखना जुगाड़ हो जाना
®छाती पर सांप लोटना-बिना जानकारी ठेका बंद हो जाना
®काम तमाम करना-पूरी बोतल खतम करना
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