वो बेवफा हमारा इम्तेहा क्या लेगी…मिलेगी नज़रो से नज़रे तो अपनी नज़रे ज़ुका लेगी…उसे मेरी कबर पर दीया मत जलाने देना…वो नादान है यारो… अपना हाथ जला लेगी.

No comments:

Post a Comment