1. जिदंगी मे कभी भी किसी को बेकार मत समझना , क्योकी बंद पडी घडी भी दिन में दो बार सही समय बताती है |
2. किसी की बुराई तलाश करने वाले इंसान की मिसाल , उस " मक्खी " की तरह है जो सारे खूबसूरत जिस्म को छोडकर केवल जख्म पर ही बैठती है |
3. टूट जाता है गरीबी मे वो रिशता जो खास होता है , हजारो यार बनते है , जब पैसा पास होता है |
4. मुस्करा कर देखो तो सारा जहाॅ रंगीन है वर्ना भीगी पलको से तो आईना भी धुधंला नजर आता है |
5. जल्द मिलने वाली चीजे ज्यादा दिन तक नही चलती और जो चीजे ज्यादा दिन तक चलती है , वो जल्दी नही मिलती |
6. बुरे दिनो का एक अच्छा फायदा अच्छे - अच्छे दोस्त परखे जाते है |
7. बीमारी खरगोश की तरह आती है और कछुए की तरह जाती है , जबकि पैसा कछुए की तरह आता है और खरगोश की तरह जाता है |
8. छोटी - छोटी बातो मे आंन्द खोजना चाहिए , क्योकि बङी - बङी तो जीवन मे कुछ ही होती है |
9. ईशवर से कुछ मांगने पर न मिले तो उससे नाराज ना होना , क्योकि ईशवर वह नही देता , जो आपको अच्छा लगता है बल्कि वह देता है , जो आपके लिए अच्छा होता है |
10. लगातार हो रही असफलफताओ से निराश नही होना चाहिए , क्योकीं कभी - कभी गुच्छे की आखिरी चाबी भी ताला खोल देती है |
11. ये सोच है हम इसांनो की कि एक अकेला क्या कर सकता है , पर देख जरा उस सूरज को वो अकेला ही तो चमकता है |
12. रिश्ते चाहे कितने ही बुरे हो , उन्हे तोङना मत , क्योकि पानी चाहे कितना भी गंदा हो , अगर प्यास नही बुझा सकता , पर आग तो बुझा सकता है |
13. अब वफा की उम्मीद भी किस से करे भला , मिटटी के बने लोग कागजो मे बिक जाते है |
14. इंसान की तरह बोलना न आये , तो जानवर की तरह मौन रहना अच्छा है |
15. जब हम  बोलना नही जानते थे , तो हमारे बोले बिना " माॅ " हमारी बातो को समझ जाती थी और आज हम हर बात पर  कहते है , छोङो भी " मा " आप नही समझोगी |
16. शुक्रगुजार हूँ उन तमाम लोगो का , जिन्होने बुरे वक्त मे मेरा साथ छोङ दिया , क्योकि उन्हे भरोसा था कि मै मुसीबतो से अकेले ही निपट सकता हूँ |
17. शर्म की अमीरी से इज्जत की गरीबी अच्छी है |
18. जिदंगी मे उतार - चङाव का आना बहुत जरुरी है , क्योकि ECG मे सीधी लाईन का मतलब मौत ही होता है |
19. रिशते , आज कल रोटी की तरह हो गए , जरा सी आंच तेज क्या हुई , जल भुनकर खाक हो गए |
20. जिदंगी मे अच्छे लोगो की तलाश मत करो , " खुद अच्छे बन जाओ " आपसे मिलकर शायद किसी की तालाश पूरी हो जाए |

No comments:

Post a Comment